Mouth and Breast Cancer in India: A Serious Concern
भारत में मुंह और स्तन कैंसर: एक गंभीर समस्या
भारत में कैंसर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, और मुंह (ओरल) और स्तन कैंसर इसके प्रमुख रूप हैं। ये दोनों कैंसर न केवल अत्यधिक फैल रहे हैं, बल्कि इनके कारण मृत्यु दर भी बढ़ रही है। इसके प्रभावी निदान, रोकथाम, और जागरूकता का प्रसार आवश्यक है ताकि इन बीमारियों से होने वाले जोखिम को कम किया जा सके।
मुंह का कैंसर: भारत में तेजी से बढ़ती समस्या
प्रचलन और जोखिम कारक
भारत में मुंह का कैंसर वैश्विक मामलों में एक बड़ी संख्या का योगदान करता है। इसका प्रमुख कारण तंबाकू और सुपारी जैसे पदार्थों का अत्यधिक सेवन है। धूम्रपान, तंबाकू चबाना, पान और सुपारी का सेवन मुख्यतः ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त, शराब का सेवन, खराब मौखिक स्वच्छता, और पोषण की कमी भी इसके कारणों में शामिल हैं।
लक्षण और पहचान की चुनौतियाँ
मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में मुँह में लंबे समय तक रहने वाले छाले, मसूड़ों या जीभ पर सफेद या लाल धब्बे, निगलने में कठिनाई, और अज्ञात रक्तस्राव शामिल हैं। लेकिन जागरूकता की कमी और नियमित दंत परीक्षण की अनुपस्थिति के कारण ये लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। इस देरी के कारण कैंसर उन्नत स्तर पर पहुँच जाता है, जिससे इलाज की संभावनाएं घट जाती हैं।
रोकथाम और जागरूकता पहल
मुंह के कैंसर को रोकने के लिए तंबाकू और सुपारी के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना आवश्यक है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में दंत शिविरों और जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है। राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम (National Cancer Control Programme) जैसे सरकारी प्रयास और कई गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की पहल इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, लेकिन अभी भी अधिक प्रयास की आवश्यकता है।
स्तन कैंसर: भारतीय महिलाओं में तेजी से बढ़ती बीमारी
बढ़ती घटनाएं और जोखिम कारक
स्तन कैंसर, भारतीय महिलाओं में सबसे आम कैंसर के रूप में उभरा है। इसके बढ़ते मामलों के पीछे जीवनशैली में बदलाव जैसे देर से गर्भावस्था, शारीरिक गतिविधियों की कमी, मोटापा, और कम स्तनपान शामिल हैं। साथ ही, स्तन कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है।
शुरुआती पहचान और उपचार की चुनौतियाँ
भारत में स्तन कैंसर की एक बड़ी चुनौती इसकी शुरुआती पहचान की कमी है। अधिकतर महिलाएं उन्नत चरण में इसका निदान कराती हैं, जब उपचार की संभावना कम हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच, सामाजिक कलंक और आर्थिक बाधाएँ इस समस्या को और जटिल बना देती हैं।
जागरूकता और स्क्रीनिंग की पहल
स्तन कैंसर से निपटने के लिए जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है, जो महिलाओं को स्व-जाँच और नियमित स्क्रीनिंग जैसे मैमोग्राम के महत्व को समझाएं। इसके अलावा, मोबाइल स्क्रीनिंग यूनिट और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ साझेदारी से ग्रामीण क्षेत्रों में शुरुआती पहचान सेवाएं पहुँचाई जा सकती हैं।
सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास: कैंसर नियंत्रण के कदम
भारत सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन कैंसर की रोकथाम, शुरुआती पहचान और उपचार को सुगम बनाने के लिए अनेक पहल कर रहे हैं। NPCDCS (National Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases, and Stroke) जैसे कार्यक्रम जागरूकता बढ़ाने, स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने और कैंसर देखभाल के लिए बुनियादी ढाँचा स्थापित करने में सहायक हैं। इंडियन कैंसर सोसाइटी और कैंसर पेशेंट्स एड एसोसिएशन जैसी संस्थाएँ भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
आगे का रास्ता: रोकथाम और बेहतर परिणामों के लिए कदम
जागरूकता बढ़ाना: तंबाकू, शराब, और निष्क्रिय जीवनशैली के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
स्क्रीनिंग का विस्तार: सस्ते और सुलभ स्क्रीनिंग केंद्र और मोबाइल हेल्थ यूनिट की स्थापना से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में शुरुआती पहचान की संभावना बढ़ेगी।
नियमित स्वास्थ्य जाँच को प्रोत्साहित करना: महिलाओं में स्तन कैंसर के लिए स्व-जाँच और नियमित जाँच का महत्व बताने से शुरुआती पहचान की दर में सुधार होगा।
उपचार सुविधाओं का सुधार: सस्ती और आधुनिक उपचार सुविधाओं की उपलब्धता से परिणामों में सुधार आएगा और जीवित रहने की दर बढ़ेगी।
निष्कर्ष
मुंह और स्तन कैंसर भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर रहे हैं, जो लाखों जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। इनके खिलाफ लड़ाई में सरकार, स्वास्थ्य प्रदाता, एनजीओ और समुदाय का सहयोग आवश्यक है। व्यापक जागरूकता, स्क्रीनिंग और उपचार की बेहतर पहुंच के साथ, भारत मुंह और स्तन कैंसर के बोझ को कम करने की दिशा में काम कर सकता है, जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित और स्वस्थ बने।