महाकुंभ 2025 के लिए अखाड़ों के नाम घोषित
महाकुंभ 2025 के लिए अखाड़ों के नाम घोषित
प्रयागराज, 10 जनवरी: महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इसके साथ ही अखाड़ों की सूची की घोषणा कर दी गई है। यह भव्य आयोजन, जो करोड़ों श्रद्धालुओं, साधु-संतों और आध्यात्मिक साधकों को आकर्षित करता है, में देश के 13 प्रमुख अखाड़े शामिल होंगे।
अखाड़े भारतीय सनातन परंपरा का प्रतीक हैं और उनकी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत अत्यंत समृद्ध है। महाकुंभ में भाग लेने वाले अखाड़ों की सूची इस प्रकार है:
शैव अखाड़े (भगवान शिव के अनुयायी):
- जूना अखाड़ा
- अग्नि अखाड़ा
- अवहान अखाड़ा
- अटल अखाड़ा
वैष्णव अखाड़े (भगवान विष्णु के अनुयायी):
- निर्वाणी अणी अखाड़ा
- निर्मोही अणी अखाड़ा
- दिगंबर अणी अखाड़ा
उदासी अखाड़े (गुरु नानक और शिव के अनुयायी):
- निरंजनी अखाड़ा
- महानिर्वाणी अखाड़ा
सिख परंपरा से जुड़े अखाड़े:
- निर्मल अखाड़ा
कल्पवासी अखाड़े (ध्यान और तपस्या के अनुयायी):
- श्री पंचायती अखाड़ा
शक्त अखाड़े (देवी शक्ति के अनुयायी):
- श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा
- श्री पंचदशनाम निरंजनी अखाड़ा
महाकुंभ मेला, जो चार पवित्र स्थलों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में बारी-बारी से आयोजित होता है, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ विशेष रूप से त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम) के कारण बेहद महत्वपूर्ण है।
अखाड़ों का महाकुंभ में खास महत्व होता है, विशेष रूप से शाही स्नान के दौरान, जब साधु-संत भव्य जुलूस के साथ पवित्र संगम में डुबकी लगाते हैं। इन जुलूसों में नागा साधुओं, हाथियों, घोड़ों और संगीत दलों का विशेष आकर्षण होता है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आयोजन की सभी तैयारियां समय पर पूरी हो रही हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, आवास और अन्य व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
महाकुंभ 2025 से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए बने रहें।